बिहार की पटना साहिब से निर्दलीय महिला प्रत्याशी गुलफिशां जबी उर्फ सुग्गन ने सोमवार को नामांकन किया। इस मौके पर उनके साथ उनके सैंकड़ो समर्थक और कई स्थानीय नेता मौजूद थे। गुलफिशां जबी अपने समर्थकों के साथ निवार्चन अधिकारी के कायार्लय पहुंची और उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया।
पटना साहिब लोकसभा सीट पर सबकी नज़र टिकी हुयी है। देश के जाने – माने राजनीति के दिग्गज चुनावी रण में पटना साहिब लोकसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं। पटना साहिब में सातवें चरण में 19 मई को मतदान होना है।
सुग्गन के चुनाव लड़ने से पटना साहिब की सियासी लड़ाई दिलचस्प हो गयी है। सुग्गन पटना के वार्ड 53 से निगम पार्षद रह चुकी हैं उनके चुनाव लड़ने से एनडीए और महागठबंधन के कोर वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है और अपनी समावेशी नेता की छवि के बदौलत क्षेत्र में भी उनकी अच्छी पकड़ है।
कौन हैं गुलफिशां जबी उर्फ सुग्गन
गुलफिशा जबी उर्फ सुग्गन का सत्ताधारी पार्टी जदयू से नाता रहा है। सुग्गन जदयू की महिला प्रकोष्ठ की प्रवक्ता रह चुकी है। साथ ही सुग्गन पटना नगर निगम की वार्ड संख्या 53 से निगम पार्षद का चुनाव भी जीत चुकी है। वर्तमान में गुलफिशां जबी बिहार राज्य हज कमेटी की सदस्य हैं।
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बिहार डेली से बात करते हुए सुग्गन ने बताया की पार्षद रहते हुए उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को करीब से महसूस किया है। चुनाव दर चुनाव विकास के बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं लेकिन चुनाव ख़त्म होते ही जनता को उनके हालत पर छोड़कर नेता हवा में उड़ जाते हैं। सुग्गन कहती हैं कमोबेश सभी पार्टी के नेताओं ने पटना साहिब की जनता को ठगा है। अगर में चुनाव जीती तो सबसे पहले लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए अभियान छेड़ूँगी। महिलाओं से जुडी समस्या और शिक्षा के क्षेत्र में काम करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी।
पटना साहिब का जातीय समीकरण
पटना साहिब के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां बनिया और यादव मतदाताओं की तादात सबसे ज्यादा है। बड़ी संख्या में कायस्थ, कुर्मी और मुस्लिम मतदाता भी है।
पटना साहिब लोकसभा सीट (Patna Sahib Loksabha Constituency)
पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में 1946249 वोटर हैं जिसमें 54.07 प्रतिशत पुरुष और 45.93 प्रतिशत महिला वोटर हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा 485905 वोट मिले थे और दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी जिसने आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था उसे 220100 वोट मिले थे। जेडीयू तीसरे, आम आदमी पार्टी चौथे और समाजवादी पार्टी पांचवें नंबर पर रही थी।