बिहार की राजनीति की बयार को समझते हुए कांग्रेस ने ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए वाल्मीकि नगर सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी के तौर पर शाश्वत केदार पांडे को उम्मीदवार बनाया है। सियासी पंडित कांग्रेस के इस फैसले को डैमेज कण्ट्रोल से भी जोड़ कर देख रहे हैं।
दरभंगा सीट पर महागठबंधन में सर-फुटौव्वल के बाद कृति झा आज़ाद को धनबाद भेजे जाने के बाद ब्राह्मण समुदाय में कांग्रेस के प्रति विरोध पनपने लगा था। पार्टी के बिहार अध्यक्ष मदन मोहन झा भी चुनावी राजनीति में ब्राह्मणो के कांग्रेस में स्पेस को लेकर चिंतित थे। शाश्वत केदार पांडे के चुनाव मैदान में आ जाने के बाद कांग्रेस को सवर्ण वोटरों को अपने पाले में लाने में मदद मिलेगी।
शुक्रवार को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने एक और लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में 7 उम्मीदवारों के नाम हैं। कांग्रेस ने जो 7 उम्मीदवारों की नई लिस्ट जारी की है, उनमें मप्र की 3, पंजाब की 2 और बिहार-कश्मीर की 1-1 सीट पर नाम तय किए हैं।
Congress party releases their list of 7 candidates for #LokSabhaElections2019 Jyotiraditya Scindia to contest from Guna (Madhya Pradesh) and Manish Tewari to contest from Anandpur Sahib (Punjab). pic.twitter.com/NzjFiLAewo
— ANI (@ANI) April 12, 2019
बता दें कि वाल्मीकि नगर सीट से शाश्वत केदार का मुकाबला जेडीयू के वैद्यनाथ प्रसाद महतो से है।
कौन हैं शाश्वत केदार पांडे
शाश्वत केदार पांडे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व केदार पांडे के पौत्र हैं। केदार पांडे अपने समय में ब्राह्मण राजनीति के केंद्र में रह चुके हैं।
वाल्मीकि नगर सीट का समीकरण
वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में आता है। ये इलाका नेपाल की सीमा से सटा हुआ है और बिहार के सुदूर उत्तर में पड़ता है। 2002 के परिसीमन के बाद साल 2008 में पहली बार ये लोकसभा सीट अस्तित्व में आया। इससे पहले ये सीट बगहा के नाम से जानी जाती थी। इस लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,275,653 है। इनमें से पुरुष वोटरों की संख्या 690,155 जबकि महिला वोटरों की संख्या 585,498 है। नेपाल की सीमा से सटे होने के कारण और नक्सल प्रभाव के कारण ये इलाका सुरक्षा की दृष्टि से काफी संवेदनशील माना जाता है। 2014 में इस सीट से बीजेपी के सतीश चंद्र दुबे जीतकर लोकसभा पहुंचे।