500 और 1000 के नोटों को बंद करने के फैसले के बाद जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने अपने एलान के बाद दावा किया था कि जनता को नोट बदलने की प्रक्रिया के दौरान परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। पर वास्तविक स्थिति सरकार के दावों से काफी उलट है।
OBC Bank ,Swaroop Nagar branch , Delhi
तमाम बैंको में लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रहीं है। खासकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बैंक तो 12 बजे के बाद ही नो कैश का बोर्ड अपने गेट पर चिपका दे रहें हैं, जबकि एटीएम से भी लोग कैश नहीं निकाल पा रहें हैं।
राजधानी दिल्ली के अधिकतर इलाकों में लोग सुबह ही बैंक पहुँच गए थे। दिहाड़ी कामकाज करने वाले लोगों के घरों की महिलाएं नोट बदलने के लिए आयीं हुई थी। कई युवा एटीएम से पैसे निकालने का प्रयास कर रहे थें।
सबको उम्मीद थी दो दिन एटीएम बंद रहने के बाद अब एटीएम से कैश निकालने में दिक्कत नहीं होगी। पर कई एटीएम आज बंद मिले वहीं कई एटीएम में नो कैश का भी बोर्ड टंगा मिला।
हालाँकि कुछ एटीएम काम कर रहे थे पर उनमे भी ज्यादा देर तक कैश नहीं रह पाया। ज्यादातर वैसे लोग भाग्यशाली रहे जो सुबह आकर कतार में लग गए थे, उन्हें बैंक खुलने के साथ ही नए नोट मिल गए।
आम लोग अपनी दैनिक ज़रूरतों का पुरा करने के लिए नोट बदलने आये हुए थे। महिलाएं अपने छोटे बच्चों को लेकर बैंक आयीं थी। दिल्ली के स्वरुप नगर के ओबीसी बैंक के ब्रांच में एक महिला जिनकी उम्र 55 साल रही होगी, उनसे हमने बातचीत की, उन्होंने बताया की वो सुबह 9 बजे ही बैंक आयीं थी और अब 11 बज चुके हैं अभी तक उनका नंबर नहीं आया है, उन्होंने कहा कि उनके पति जो की जहांगीर पूरी के एक ठेकेदार के साथ काम करते हैं वो आज भी काम पर गये हुए हैं, कल ठेकेदार ने हीं उनको 500 का नोट दिया था जिसे वो आज बदलने आयीं हैं, नोट बदलकर वो अपने दैनिक ज़रुरत का सामान खरीदेंगी। एक अन्य महिला जिन्होंने अपना नाम रूबी देवी बताया उन्होंने कहा उनके पति दिहाड़ी मज़दूर है और दैनिक मज़दूरी मिलने पर ही उनका गुजारा होता है दो दिन तो किसी तरह उधार लेकर गुजारा किया पर आज किसी भी तरह नोट बदलने पर ही घर का राशन मिल पायेगा वो भी 2 घंटे से लाइन में खड़ी हैं उन्हें प्यास भी लग रही है पर आस-पास पानी उपलब्ध नहीं है। पानी भी खरीद कर लेना होगा जिसमे 20 रुपये खर्च हो जातें हैं, इसलिए अब वो घर जाकर ही पानी पियेंगी।
देश के दुसरे राज्यों के हालात भी कुछ अलग नहीं हैं हरियाणा के सोनीपत में अधिकतर बैंको के एटीएम ठप पड़े हुए मिले। लोग 500,1000 का नोट लेकर इधर उधर घूम रहें थे। अधिकतर दुकानें भी बंद मिली दुकानदारो का कहना था कि लोगों के पास नोट उपलब्ध नहीं होने की वजह से दुकानदारी नहीं हो पा रही है इसलिए आज दूकान बंद कर दिया अभी दो तीन दिन ऐसे ही हालात रहेंगे। हमेशा व्यस्त रहने वाले सोनीपत स्थित गुड़ मंडी का नज़ारा भी आज कुछ अलग था आढ़तियों ने अपने काउंटर नहीं खोले हुए थे, सारे मंडी में सन्नाटा पसरा हुआ था। व्यापारी कह रहे थे जब तक बाजार में नोट उपलध नहीं हो जाते तब तक कारोबार ठप रह सकता है। व्यापारी ये आशंका जता रहे थे शायद नोट की कमी के कारण सब्ज़ियों के दामों में इज़ाफ़ा न हो जाए।
अब सरकार के सामने कई सवाल उभर कर सामने आ रहें हैं
- सरकार ने सभी बैंको में महिलाओं और बच्चों के लिए पानी और दुसरे ज़रूरी चीज़ों की व्यवस्था क्यों नहीं की है ?
- सरकार ने एनजीओ और दुसरे सामाजिक संस्थाओं के लोगों से क्यों नहीं कहा कि वो बैंक के आस-पास रहें और लोगों की सही जानकारी मुहैया कराएं?
- जब एटीएम से लोग पैसे निकाल सकतें है तो एटीएम क्यों ठप हैं?
- जब पहले ही कैश की सीमा निर्धारित कर दी गयी है तो क्यों बैंकों के पास पर्याप्त कैश नहीं है?
- सरकार जब लोगों को फॉर्म भरने को कह रही है तो वैसे लोगों के लिया क्या व्यवस्था है जो अशिक्षित हैं ?
- नोट बदलने के लिए बैंक के अलावा सिर्फ पोस्ट ऑफिस को ही क्यों विकल्प बनाया गया है?
- अगर दैनिक ज़रूरतों जैसे सब्ज़ियों की दामों में इज़ाफ़ा हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
- वैसे लोग जिन्हें अभी तक पूरी प्रक्रिया की समझ नहीं है उन्हें जागरूक करने के लिए सरकार क्या कर रही है?
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा था कि देश के लिए देश का नागरिक कुछ दिनों के लिए यह कठिनाई झेल सकता है। लेकिन काले धन और नकली नोटों की समस्या से अगर लड़ना है तो हमारा ये प्रयास देश के हित में होगा। देश से गरीबी हटाने में भी मदद मिलेगी।