साहस की अमिट कहानी लिखने वाले देश के 18 बच्चों को पीएम ने किया सम्मानित
नई दिल्ली: हर साल की तरह इस साल भी अदम्य साहस की गाथा लिखने वाले देश के बहादुर बच्चों को प्रधानमंत्री के हाथो राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाज़ा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार कुल 18 बच्चों को ये पुरस्कार प्रदान किया। इनमें से तीन पुरष्कार मरणोपरांत प्रदान किये गए। पुरस्कार पाने वालों में अधिकांश बच्चे ग्रामीण और साधारण पृष्ठभूमि के हैं।
पुरस्कृत बच्चों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी वीरता के कार्यों पर बहुत चर्चा हुई है और पुरे देश को उन पर नाज है। उन्होंने कहा कि इससे अन्य बच्चे भी प्रेरित होंगे और उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरस्कार प्राप्तत करने वाले ज्यादातर बच्चे ग्रामीण और साधारण पृष्ठभूमि के हैं। उन्होंने कहा कि शायद उनके दैनिक संघर्षों के कारण उनके अंदर यह भावना पैदा हुई और वे हर विपरीत परिस्थिति में बहादुरी के साथ काम करने में सक्षम हुए।
प्रधानमंत्री महोदय ने सभी विजेताओं, उनके माता-पिता और अध्यापकों को बधाई दी। उन्होंने उन लोगों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने बच्चों की बहादुरी के कामों को दर्ज किया और लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सहायता की।
नरेन्द्र मोदी ने पुरस्कार विजेताओं को उनके भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं दी कहा कि देश को भविष्य में भी उनसे ऐसे हीं साहस की आशा है। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी भी उपस्थित थीं।
बता दें ये इस पुरस्कार के पीछे साहस की एक बड़ी कहानी है जो 2 अक्टूबर,1957 को घटित हुई थी। 14 साल उम्र के बालक हरीश मेहरा ने अपनी जान की परवाह किए बगैर पंडित नेहरू और तमाम दूसरे गणमान्य नागरिकों को एक बड़े हादसे से बचाया था। बच्चे के साहस से प्रभावित होकर भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 में इस पुरस्कार की शुरुआत की थी। यह पुरस्कार को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के रूप में 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर बहादुर बच्चों को दिए जाते हैं। 1957 में पुरस्कार शुरू होने के बाद से भारतीय बाल कल्याण परिषद 871 बहादुर बच्चों को पुरस्कार प्रदान कर चुकी हैं, जिनमें 618 लड़के और 253 लड़कियां शामिल हैं। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है। साथ हीं पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक सरकार की और से वित्तीय सहायता भी दी जाती है।