बिहार की राजनीति में भारी बदलाव, चौधरी ने छोड़ा हाथ का साथ तो मांझी ने थामी UPA की पतवार
पटना: बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने NDA गठबंधन से अलग UPA के साथ हाथ मिला लिया है। वहीं दूसरी तरफ बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और महागठबंधन सरकार में मंत्री रहे अशोक चौधरी समेत कुल चार एमएलसी ने JDU का दामन थाम लिया है। अशोक चौधरी के साथ कांग्रेस को अलविदा कहने वाले अन्य तीन का नाम दीलिप चौधरी, रामचन्द्र भारती और तनवीर अख्तर है।
इससे पहले चौधरी गुट ने बुधवार को विधान परिषदके उपसभापति हारुण रशीद को आवेदन सौंप कर सदन में अलग गुट के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया था। चौधरी गुट के इस फैसले को सार्वजनिक होने के साथ हीं प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने अशोक चौधरी समेत चारों नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
कांग्रेस छोड़ने का फैसला लेने के बाद चौधरी ने देर रात अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मलेन में कहा कि उन्होंने अध्यक्ष बनाए जाने के बाद बिहार में कांग्रेस को खड़ा किया है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने विधान परिषद में जहां 6 सीटें हासिल की वहीँ विधानसभा में 4 सीटों की जगह 27 सीटें हासिल की। उनका कहना है कि जिस पार्टी के लिए उनहोंने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया उस पार्टी ने उन्हें अपमानित किया। बकौल चौधरी विधायक दल की बैठक में उन पर अपनी हीं पार्टी के उम्मीदवार को हराने का आरोप लगाया गया। उनका मानना है कि इतने आरोप और बेइज्जती के बाद कांग्रेस छोड़ने के सिवा उनके पास और कोई रास्ता नहीं बचा था।
बता दें अशोक चौधरी का पार्टी छोड़ना तब से हीं तय माना जा रहा था जब महागठबंधन सरकार में टूट हुई थी। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार भी खूब गर्म हुआ, लेकिन कुछ दिनों बाद इस पर विराम लग गया। बहरहाल आधिकारिक तौर पर कांग्रेस वाले अशोक चौधरी अब जदयू के हो गये हैं।