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भारतीय संसद भवन से जुड़े रोचक तथ्य

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भारतीय लोकतंत्र में संसद जनता की सर्वोच्‍च प्रतिनिधि संस्‍था है। इसी माध्‍यम से आम लोगों की संप्रभुता को अभिव्‍यक्‍ति मिलती है। भारत में दुनिया का सबसे लोकतंत्र है। भारतीय संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। संसद से सवा सौ करोड़ भारतवासियों की भावनाओं, अपेक्षाओं और भविष्य की रूपरेखा तैयार होती है।
जानें, अपनी संसद को 

 

एक नज़र
  • संसद को दो सदनों में में बांटा गया है। लोकसभा को निचले सदन के रूप में जाना जाता है और राज्यसभा को ऊपरी सदन के रूप में जाना जाता है।
  • भारतीय संसद राष्‍ट्रपति और दो सदनों—राज्यसभा और लोकसभा—से मिलकर बनती है।
  • भारतीय संविधान के अनुसार लोकसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है, जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। भारत के प्रत्येक राज्य को उसकी जनसंख्या के आधार पर लोकसभा-सदस्य मिलते है। लोकसभा का गठन अपने प्रथम अधिवेशन की तिथि से पाँच वर्ष के लिए होता है।
  • राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं। जिनमे 12सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित होते हैं। इन्हें ‘नामित सदस्य’ कहा जाता है। अन्य सदस्यों का चुनाव होता है। राज्यसभा में सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमे एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवा-निवृत होते हैं। भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। राज्यसभा का पहला सत्र 13 मई 1952 को हुआ था।
संसद भवन से जुड़े  दिलचस्प तथ्य 
  • संसद भवन की इमारत की संरचना को को सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर ने बनाया था। भारतीय संसद की इमारत को दुनिया के बेहतरीन ऑर्किटेक्ट ढांचे के रुप में जाना जाता है।
  • अपने डिजाइन के चलते शुरू में संसद भवन को सर्कुलर हाउस कहा जाता था।
  • संसद भवन की नींव की पहली ईंट 12 फरवरी 1921 में रखी गयी थी, इसके निर्माण में 6 साल और 83 लाख रुपए का खर्च आया था।
  • 14-15 अगस्त 1947 को अंग्रेज़ो से भारत में सत्ता का हस्तांतरण संसद के सेंट्रल हॉल से हुआ था। भारतीय संविधान का प्रारूप भी इसी हॉल में तैयार किया गया था।
  • आजादी के बाद नयी सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग बनने तक सेंट्रल हॉल में ही देश का सुप्रीम कोर्ट चलता था।
  • संसद की लाइब्रेरी देश की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है, पहली नेशनल लाइब्रेरी कोलकाता में है।
  • संसद की लाइब्रेरी में भारत के संविधान की हिंदी और अग्रेजी में हाथ से लिखी प्रतिलिपि यहां नाइट्रोजन गैस से भरे चैंबर में सुरक्षित रखा गया है।
  • संसद की गोलाकर संरचना निरंतरता की प्रतीक है, यह संरचना यह दर्शाती है यह सत्ता बनी रहेगी और कभी खत्म नहीं होगी।
  • लोकसभा और राज्यसभा हॉल का आकार घोड़े के पैर के आकार का है।
  • लोकसभा के कालीन का रंग हरा है जो दर्शाता है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ के लोग जमीनी स्तर से चुना जाता है में हरे रंग की है, राज्यसभा के कालीन का रंग लाल है जो रॉयल्टी को दर्शाता है और यह स्वतंत्रता सेनानियों के भी बलिदान को भी दर्शाता है।
  • संसद की परिधि एक मील यानि 536.33m के 1 / 3rd है।
  • पूरे भवन में 12 दरवाजे हैं और एक मुख्य द्वार है।
  • सदन के कार्यवाही का पहला घंटा (अर्थात् 11 दोपहर 12 बजे तक के बीच) प्रश्नकाल के रूप में जाना जाता है।
  • संसद के दोनों सदनों में प्रश्‍नकाल के ठीक बाद का समय आमतौर पर ‘शून्‍यकाल’ अथवा जीरो आवर के नाम से जाना जाने लगा है। 12 बजे दोपहर का समय न तो मध्‍याह्न पूर्व का समय होता है और न ही मध्‍याह्न पश्‍चात का समय। ‘शून्‍यकाल’ 12 बजे प्रारंभ होने के कारण इस नाम से जाना जाता है।
  • राष्ट्रपति का कार्यालय संसद के 13 नंबर कक्ष में है।

Feature image source-factly.in

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