भारतीय वायुसेना – मुस्तैदी केवल दुश्मनों से सामना करने में नहीं बल्कि जीवन रक्षा करने में भी है
भारतीय वायु सेना पूरी दुनिया के उन कुछेक वायु सेनाओं में से एक है, जिनसे दुनिया के दूसरे देश थर्राते हैं। भारतीय वायुसेना ने युद्ध के मैदान में और मैदान के बाहर अपनी उपयोगिता को सिद्ध किया है।
जम्मू – कश्मीर के नौ साल के तौफिक को रात में एपेंडेसिटीस के कारण तीव्र दर्द होना शुरू हो गया। वह गुरेज में रहता है जहां इन स्थितियों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है। उसके लिए अगला सबसे अच्छा विकल्प उपचार हेतु श्रीनगर लाना था। उसे वहां से सुरक्षित लाने के लिए एयरफोर्स स्टेशन श्रीनगर को रात में सूचना मिली और उसके बाद हेलीकॉफ्टर को तैयार रहने को कहा गया। गुरेज़ के खराब मौसम ने कारण हेलीकॉप्टर सुबह में भी उड़ान नहीं भर सका। फिर भी हेलीकॉप्टर को किसी भी परिस्थिति में तैयार रहने को कहा गया। इसके कुछ देर बाद हेलीकॉप्टर को सूचना मिली कि गुरेज में मौसम में थोड़ा सुधार हुआ है। फिर क्या था, एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर गुरेज के अपने मिशन के लिए निकल गया और सफलतापूर्वक वहां पहुंचकर तौफिक और उसके पिता को लेकर बर्फबारी का सामना करते हुए भी श्रीनगर पहुंचने में कामयाब रहा।
स्क्वाड्रन लीडर विनायक सिंह सिकरवार और “होवरिंग हाक” के सह-पायलट लक्ष्य मित्तल की अगुआई वाली भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और इसके अत्यधिक प्रेरित क्रू की कार्रवाई ने एक जीवन को बचाया। तौफिक अब सही तरीके से श्रीनगर में चिकित्सा सुविधा ले रहा है।
Source – PIB