दुर्गा विसर्जन मामले में ममता सरकार को हाईकोर्ट की फटकार
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाए जाने के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है।
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ममता सरकार से सवाल किया कि राज्य सरकार दो समुदायों को लेकर अंतर क्यों पैदा कर रही है? कोर्ट ने कहा कि उन्हें सौहार्द के साथ जीने दो, उनके बीच में कोई रेखा मत खींचो, उन्हें साथ में जीने दो
पिछले महीने ममता बनर्जी की सरकार ने आदेश दिया गया था कि शाम छह बजे के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा का विजर्सन नहीं किया जा सकेगा। ऐसा इसलिए कहा गया था क्योंकि तीस सितंबर को दुर्गा पूजा है और एक अक्टूबर को मोहर्रम। भाजपा ने इसका खुलकर विरोध किया था लेकिन अब राज्य सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में साफ कर दिया है कि रात 10 बजे तक मूर्ति विजर्सन किया जा सकेगा। एक अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन पर रोक है लेकिन दो को फिर से इसकी इजाजत है।
गौरतलब है कि विसर्जन पर पाबंदी को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में ममता बनर्जी के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। दरअसल, याचिका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 23 अगस्त को किए गए ट्वीट को केंद्र में रखकर किया गया था। जिसमें दशमी के दिन 6 बजे तक ही विसर्जन की इजाजत दी गई थी, क्योंकि अगले दिन मुहर्रम है। लिहाज़ा, विसर्जन पर रोक लगा दी गई थी और विसर्जन 2 तारीख से किए जाने के आदेश दिए गए थे।